जनरल बिपिन रावत 2021: General Bipin Rawat Biography in Hindi

General Bipin Rawat Biography

जनरल बिपिन रावत ( 16 मार्च , 1958 से 8 दिसंबर , 2021 )
पूरे मुल्क को गमगीन कर गया हेलिकॉप्टर कैश तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में 8 दिसंबर को सेना के हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जिस बात की आशंका जताई जा रही थी आखिर वही हुआ देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन और उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की इस हादसे में मौत हो के गई पूरा मुल्क गमगीन था और इस हेलिकॉप्टर कैश में जान गवाने वाले सभी 18 वीर शहीदों को नाम आंखों से अंतिम विदाई दी गई जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्कायर लाया गया , जहां जनरल रावत की दोनों बेटियों ने पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया बड़ी बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी ।


2. शान से विदा हुए जनरल बिपिन रावत 
जनरल रावत को 17 तोपा की सलामी दी गई । अंतिम संस्कार के तीनों सेनाओं के बिगुल बजे सैन्य बैंड ने शौक गीत गाया । अंतिम संस्कार के 800 जवान मौजूद रहे । अंतिम यात्रा को 99 सैन्यकर्मियों ने 1978 में सेना में हुए शामिल बिपिन रावत साल 1978 में सेना में शामिल हुए उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी एस्कॉर्ट किया । सेना के पेड़ के 33 कर्मियों ने अंतिम विदाई दी लेफ्टिनेंट जनरत स्तर के 6 अफसर तिरंगा लेकर चलें अंतिम दर्शन स्थल पर 12 ब्रिगेडियर स्तर के अफसर तैनात थे अंतिम यात्रा में कई किलोमीटर दूर तक आम लोगों का हुजूम जनरल रावत अमर रहे के उद्घोष के साथ अपने जनरत को अंतिम विदाई देने पहुंचा |


3. पहले सीडीएस बने थे बिपिन रावत : Bipin Rawat First CDS

जनरल बिपिन रावत ने जनरल दलबीर सिंह के रिटायर होने के बाद 31 दिसंबर | 2016 को भारतीय सेना की कमान संभाली थी वह देश के 27 वें चल से थे । रिटायर होने के बाद बिपिन रावत को सेना प्रमुख से देश का पहला चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया था आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था ।

 

4. उत्तराखंड में जन्मे शिमला में पढ़े : Bipin Rawat Brith and education

जनरल बिपिन रावत की जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था, उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत बतौर लेफ्टिनेंट जनरल सेना को अपनी सेवाएं दे चुके हैं जनरल बिपिन रावत ने सेट एडवर्ड स्कूल शिमला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकसता से पढ़ाई की । उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से मीडिया स्ट्रेटेजिक स्टडीज में पीएचडी की रावत ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के भी छात्र रहे हैं ।

5. 1978 में सेना में हुए शामिल: Bipin Rawat join Army

विपन रावत 1978 में सेना में शामिल हुए, उन्हें भारतीय सेना अकादमी देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था । उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई । उन्होंने इस बटालियन का नेतृत्व भी किया , जिसके बाद से सेवा के दौरान उन्होंने ब्रिगेड कमांडर सहित कई पदों  पर काम किया । उनके पास 10 साल से ज्यादा का आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का अनुभव था उत्तराखंड के इस लाल का जाना देश के लिए किसी आपात से कम नहीं है । "

 

6. जानदार जनरल का ' शानदार ' सैन्य करियर : Bipin rawat general carrier

जनरल बिपिन रावत गोरखा रेजीमेंट के चौथे ऐसे बने सीडीएस के रूप में जनरल रावत सेना से संबंधित मामलों पर सरकार के एकल सलाहकार थे जनरल रावत ने एक ब्रिगेड कमांडर जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन - चीफ ( जीसीसी ) दक्षिणी कमान सैन्य सचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर रोड 2, कर्जत सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिवका में चार दशक बिताए जनरल कमांड विंग में सैन्य सचिव की शाखा और प्रशिक्षक के पद पर भी रहे वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना युत्नपीएफ ) का भी हिस्सा थे और उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी ।

 

7. सर्जिकल स्ट्राइक से उड़ाई पाक की नींद : Bipin Rawat surgical strike
वर्ष 2016 में भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट के अंदर घुसकर जैश - ए - मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाए जाने के अभियान में तत्कालीन वल सेनाध्यक्ष जनरल रावत ने अहम भूमिका निभाई थी । जनरल रावत ने पूर्वोत्तर में आवाद को नियंत्रित करने म्यांमार में 2015 सीमा पार ऑपरेशन की निगरानी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । उनकी शख्सियत कुछ ऐसी थी कि उनका नाम सुनते ही दुश्मनों के पैर कापने लगते थे


8. डोकलाम में चीन की धकेला: Bipin Rawat China's push in Doklam
2017 में डोकलाम में भारतीय और चीनी सेनाए आमने - सामने थी, चीन एक हिस्से में सड़क बना रहा था लेकिन भारतीय सेना के कड़े विरोध के बाद दोनों सेनाओं के बीच युद्ध जैसी स्थिति आ गई थी 70 से ज्यादा दिनों तक ये विवाद चला लेकिन बिपिन रावत की अगुआई में भारतीय सेना ने चीनी सेना का डटकर सामना किया और चीन को पीछे होने पर मजबूर किया ।


9. कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट : Bipin Rawat Operation Allout in Kashmir
जनरल बिपिन रावत के कमान संभालने के बाद 2017 में भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से फैलाए जा रहे आतंक के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट लॉन्च किया था
कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट शुरू करने के पीछे जनरल रात का दिमाग बताया जाता है । उन्होंने आतंकवाद पर काबू के लिए डर को जरूरी बताया था । उन्होंने कहा कि अगर कोई बंदूक उठाएगा तो सेना उनको उसी की भाषा में जवाब देगी ।


10. अनुच्छेद 370 हटने के बाद संभाला मोर्चा
केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था । इस दौरान सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, शांति बहाल करना । ऐसे में सरकार ने बड़ी संख्या में सेना के जवान कश्मीर में तैनात किए । इस पुरे मिशन में तब सेना प्रमुख बिपिन रावत ने ही पूरी जिम्मेदारी संभाली और उनके मार्गदर्शन में सेना ने कश्मीर में मोर्चा संभाला ।

F&Q

1. जनरल बिपिन रावत की पत्नी कौन हैं? 
Ans. Madhulika Rawat

2. बिपिन रावत जनरल कब बने? 
Ans. December 17, 2016

3. सीडीएस का रैंक क्या है? 
Ans.CDS is a four-star officer selected

4. सीडीएस जनरल कौन थे? 
Ans. Bipin Rawat

5. क्या बिपिन रावत की बेटियों की शादी हो चुकी है? 
Ans. ?

6. कौन हैं बिपिन रावत की बेटी? 
Ans. Kritika and Tarini Rawat,

7. सीडीएस (CDS) परीक्षा का पूर्ण रूप क्या है? 
Ans. Combined Defence Services Examination

8. भारत का पहला सीडीएस कौन है? 
Ans. Bipin Rawat

9. भारतीय सेना में सर्वोच्च रैंक क्या है?
Ans. Field Marshal (or field marshal, abbreviated as FM) is a five–star general officer rank and the highest attainable rank in the Indian Army.


Other important topics for Govt. exam 

जनरल बिपिन रावत 2021: General Bipin Rawat Biography in Hindi

जनरल बिपिन रावत 2021: General Bipin Rawat Biography in Hindi

General Bipin Rawat Biography

जनरल बिपिन रावत ( 16 मार्च , 1958 से 8 दिसंबर , 2021 )
पूरे मुल्क को गमगीन कर गया हेलिकॉप्टर कैश तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में 8 दिसंबर को सेना के हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जिस बात की आशंका जताई जा रही थी आखिर वही हुआ देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन और उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की इस हादसे में मौत हो के गई पूरा मुल्क गमगीन था और इस हेलिकॉप्टर कैश में जान गवाने वाले सभी 18 वीर शहीदों को नाम आंखों से अंतिम विदाई दी गई जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्कायर लाया गया , जहां जनरल रावत की दोनों बेटियों ने पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया बड़ी बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी ।


2. शान से विदा हुए जनरल बिपिन रावत 
जनरल रावत को 17 तोपा की सलामी दी गई । अंतिम संस्कार के तीनों सेनाओं के बिगुल बजे सैन्य बैंड ने शौक गीत गाया । अंतिम संस्कार के 800 जवान मौजूद रहे । अंतिम यात्रा को 99 सैन्यकर्मियों ने 1978 में सेना में हुए शामिल बिपिन रावत साल 1978 में सेना में शामिल हुए उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी एस्कॉर्ट किया । सेना के पेड़ के 33 कर्मियों ने अंतिम विदाई दी लेफ्टिनेंट जनरत स्तर के 6 अफसर तिरंगा लेकर चलें अंतिम दर्शन स्थल पर 12 ब्रिगेडियर स्तर के अफसर तैनात थे अंतिम यात्रा में कई किलोमीटर दूर तक आम लोगों का हुजूम जनरल रावत अमर रहे के उद्घोष के साथ अपने जनरत को अंतिम विदाई देने पहुंचा |


3. पहले सीडीएस बने थे बिपिन रावत : Bipin Rawat First CDS

जनरल बिपिन रावत ने जनरल दलबीर सिंह के रिटायर होने के बाद 31 दिसंबर | 2016 को भारतीय सेना की कमान संभाली थी वह देश के 27 वें चल से थे । रिटायर होने के बाद बिपिन रावत को सेना प्रमुख से देश का पहला चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया था आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था ।

 

4. उत्तराखंड में जन्मे शिमला में पढ़े : Bipin Rawat Brith and education

जनरल बिपिन रावत की जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था, उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत बतौर लेफ्टिनेंट जनरल सेना को अपनी सेवाएं दे चुके हैं जनरल बिपिन रावत ने सेट एडवर्ड स्कूल शिमला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकसता से पढ़ाई की । उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से मीडिया स्ट्रेटेजिक स्टडीज में पीएचडी की रावत ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के भी छात्र रहे हैं ।

5. 1978 में सेना में हुए शामिल: Bipin Rawat join Army

विपन रावत 1978 में सेना में शामिल हुए, उन्हें भारतीय सेना अकादमी देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था । उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई । उन्होंने इस बटालियन का नेतृत्व भी किया , जिसके बाद से सेवा के दौरान उन्होंने ब्रिगेड कमांडर सहित कई पदों  पर काम किया । उनके पास 10 साल से ज्यादा का आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का अनुभव था उत्तराखंड के इस लाल का जाना देश के लिए किसी आपात से कम नहीं है । "

 

6. जानदार जनरल का ' शानदार ' सैन्य करियर : Bipin rawat general carrier

जनरल बिपिन रावत गोरखा रेजीमेंट के चौथे ऐसे बने सीडीएस के रूप में जनरल रावत सेना से संबंधित मामलों पर सरकार के एकल सलाहकार थे जनरल रावत ने एक ब्रिगेड कमांडर जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन - चीफ ( जीसीसी ) दक्षिणी कमान सैन्य सचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर रोड 2, कर्जत सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिवका में चार दशक बिताए जनरल कमांड विंग में सैन्य सचिव की शाखा और प्रशिक्षक के पद पर भी रहे वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना युत्नपीएफ ) का भी हिस्सा थे और उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी ।

 

7. सर्जिकल स्ट्राइक से उड़ाई पाक की नींद : Bipin Rawat surgical strike
वर्ष 2016 में भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट के अंदर घुसकर जैश - ए - मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाए जाने के अभियान में तत्कालीन वल सेनाध्यक्ष जनरल रावत ने अहम भूमिका निभाई थी । जनरल रावत ने पूर्वोत्तर में आवाद को नियंत्रित करने म्यांमार में 2015 सीमा पार ऑपरेशन की निगरानी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । उनकी शख्सियत कुछ ऐसी थी कि उनका नाम सुनते ही दुश्मनों के पैर कापने लगते थे


8. डोकलाम में चीन की धकेला: Bipin Rawat China's push in Doklam
2017 में डोकलाम में भारतीय और चीनी सेनाए आमने - सामने थी, चीन एक हिस्से में सड़क बना रहा था लेकिन भारतीय सेना के कड़े विरोध के बाद दोनों सेनाओं के बीच युद्ध जैसी स्थिति आ गई थी 70 से ज्यादा दिनों तक ये विवाद चला लेकिन बिपिन रावत की अगुआई में भारतीय सेना ने चीनी सेना का डटकर सामना किया और चीन को पीछे होने पर मजबूर किया ।


9. कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट : Bipin Rawat Operation Allout in Kashmir
जनरल बिपिन रावत के कमान संभालने के बाद 2017 में भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से फैलाए जा रहे आतंक के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट लॉन्च किया था
कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट शुरू करने के पीछे जनरल रात का दिमाग बताया जाता है । उन्होंने आतंकवाद पर काबू के लिए डर को जरूरी बताया था । उन्होंने कहा कि अगर कोई बंदूक उठाएगा तो सेना उनको उसी की भाषा में जवाब देगी ।


10. अनुच्छेद 370 हटने के बाद संभाला मोर्चा
केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था । इस दौरान सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, शांति बहाल करना । ऐसे में सरकार ने बड़ी संख्या में सेना के जवान कश्मीर में तैनात किए । इस पुरे मिशन में तब सेना प्रमुख बिपिन रावत ने ही पूरी जिम्मेदारी संभाली और उनके मार्गदर्शन में सेना ने कश्मीर में मोर्चा संभाला ।

F&Q

1. जनरल बिपिन रावत की पत्नी कौन हैं? 
Ans. Madhulika Rawat

2. बिपिन रावत जनरल कब बने? 
Ans. December 17, 2016

3. सीडीएस का रैंक क्या है? 
Ans.CDS is a four-star officer selected

4. सीडीएस जनरल कौन थे? 
Ans. Bipin Rawat

5. क्या बिपिन रावत की बेटियों की शादी हो चुकी है? 
Ans. ?

6. कौन हैं बिपिन रावत की बेटी? 
Ans. Kritika and Tarini Rawat,

7. सीडीएस (CDS) परीक्षा का पूर्ण रूप क्या है? 
Ans. Combined Defence Services Examination

8. भारत का पहला सीडीएस कौन है? 
Ans. Bipin Rawat

9. भारतीय सेना में सर्वोच्च रैंक क्या है?
Ans. Field Marshal (or field marshal, abbreviated as FM) is a five–star general officer rank and the highest attainable rank in the Indian Army.


Other important topics for Govt. exam 

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