1.किनौर जिले का प्राचीन इतिहास क्या है?
2.किनौर रियासत की स्थापना कब और किसने की थी?3. किनौर जिले का मध्यकालीन इतिहास क्या है?
4. किनौर जिले का आधुनिक इतिहास क्या है?किनौर पर गोरखा आक्रमण कब हुआ था?
5. रामपुर बुशहर रियासत की स्थापना कब हुई थी?
.किनौर जिले का प्राचीन इतिहास क्या है? Ancient history of kinnaur
1 . प्राचीन इतिहास - वर्तमान किन्नौर प्राचीन रियासत बुशहर का हिस्सा रहा है । किन्नौर की आदिम जाति की उत्पति दैविक लीला से हई मानी जाती है । अमरकोश ग्रंथ में किन्नर जाति का वर्णन मिलता है । हिन्दूधर्म ग्रंथ में किन्नर लोगों को अश्वमुखी किम् + नरः ( किस प्रकार का नर ) कहा गया है । तिब्बती लोग किन्नौर को खुनू कहते हैं । लद्दाख में किन्नौर , बुशहर और कामरु को मोने कहा जाता है । किन्नौर के निवासी प्राचीन काल में खस थे । किन्नौर राजपूत जो खसों की उपजातियाँ थीं । कनैत और जड़ में विभाजित हो गई थी ।
पाण्डवों ने 12 वर्षों का बनवास किन्नौर में बिताया था । कालिदास ने अपनी पुस्तक कुमारसंभव में किन्नरों का वर्णन किया है । वायु पुराण में किन्नरों को महानंद पर्वत का निवासी बताया गया है ।
2.किनौर रियासत की स्थापना कब और किसने की थी?
रियासत की स्थापना - बनारस के चंद्रवंशी राजा प्रद्युम्न ने कामरू में राजधानी स्थापित कर बुशहर रियासत की नींव रखी ।
बौद्ध धर्म का आगमन - सातवीं से दसवीं सदी के बीच तिब्बत के गूगे साम्राज्य के प्रभाव में आकर किन्नौर में बौद्ध धर्म और भोटिया भाषा का प्रभाव पड़ा था ।
3. किनौर जिले का मध्यकालीन इतिहास क्या है?
मध्यकालीन इतिहास - बुशहर रियासत बिलासपुर और सिरमौर के साथ शिमला पहाड़ी राज्यों की तीन प्रमुख शक्तियों में से एक थी। राजा चतर सिंह बुशहर रियासत का 110वाँ शासक था ।
चतर सिंह ने अपनी राजधानी कामरू से सराहन स्थानांतरित की थी । राजा चतर सिंह का पुत्र केहरी सिंह रियासत का सबसे प्रभावी शासक था
जिसे ' अजानबाहु ' भी कहा जाता था , उसे मुगल बादशाह औरंगजेब ने ' छत्रपति ' की उपाधि दी । तिब्बत - लद्दाखी मुगल युद्ध में राजा केहरी सिंह ने तिब्बतियों का साथ दिया जिस कारण तिब्बत द्वारा हंगरंग घाटी बुशहर को भेंट में दी गई और तिब्बत और बुशहर राज्य के बीच मुक्त व्यापार प्रारम्भ हुआ । चतर सिंह के प्रपौत्र कल्याण सिंह ने कल्याणपुर शहर को अपनी राजधानी बनाया ।
4. किनौर जिले का आधुनिक इतिहास क्या है?किनौर पर गोरखा आक्रमण कब हुआ था?
. आधुनिक इतिहास गोरखा आक्रमण - केहरी सिंह की मृत्यु के बाद उसका नाबालिग पुत्र महेन्द्र सिंह गद्दी पर बैठा । गोरखों ने 1803 से 1815 तक बुशहर रियासत पर आक्रमण कर सराहन पर कब्जा कर लिया । राजा महेन्द्र सिंह ने कामरू में अपना डेरा जमाया । वजीर टिक्का राम और बदरी प्रसाद ने गोरखों के विरुद्ध युद्ध का नेतृत्व किया । सतलुज नदी पर बने वांगतू पुल को तोड़कर गोरखों के आक्रमण को रोका गया ।
5. रामपुर बुशहर रियासत की स्थापना कब हुई थी?
रामपुर - बुशहर रियासत के राजा राम सिंह ( 1767 - 99 ई . ) ने सराहन से राजधानी रामपुर बदली और रामपुर शहर की नींव रखी । 1857 ई . का विद्रोह - बुशहर रियासत के राजा शमशेर सिंह ने 1857 ई . के विद्रोह में अंग्रेजों की सहायता नहीं की जिसकी शिकायत शिमला के DC विलियम हे ने की ।
राजा शमशेर सिंह - राजा शमशेर सिंह के वजीर मुशीलाल के 1854 ई . में राजस्व कर के विरोध में बुशहर रियासत में 1859 ई . में विद्रोह हआ । राजा शमशेर सिंह को 1887 ई . में उसके पुत्र टिक्का रघुनाथ सिंह के पक्ष में गधी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया । टिक्का रघुनाथ सिंह ने 1895 ई . में चीनी तहसील की नींव रखी ।
राजा पदम सिंह - राजा पदम सिंह को 1914 ई . में अंग्रेजों ने रामपुर बुशहर का राजा माना । राजा पदम सिंह रामपुर बुशर के अंतिम राजा हुए । वह आजादी तक रामपुर बुशहर के राजा बने रहे । मास्टर अन्नूलाल , सत्यदेव बशहरी जैसे आंदोलनकारी के प्रभाव से राजा पदम सिंह ने रामपुर बुशहर का भारत में विलय स्वीकार कर लिया । 1948 में बशहर रियासत का हिमाचल प्रदेश में विलय हो गया । वीरभद्र सिंह ( 6 बार मुख्यमंत्री ) पदम सिंह के पुत्र हैं जो बुशहर रियासत की 131वीं पीढी से सबंधित है । वर्तमान का जिला 1960 से पहले महासू जिले की चीनी तहसील के रूप में जाना जाता था । 21 अप्रैल , 1960 ई . को चीनी तहसील महासु सेे अलग होकर किन्नौर नाम से हिमाचल प्रदेश का छठा जिला बना।
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