Himachal mandi

History of mandi himachal
हैलो दोस्तो, इस टॉपिक में मैने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का सम्पूर्ण इतिहास को कोवर किया है। मुझे उम्मीद है कि आपको जानकारी अच्छी लगेगी। और आप किसी सरकारी नौकरी की तयारी कर रहे हो तो हिस्ट्री में इस से बाहर प्रश्न नहीं जाएगा। आप टॉपिक को शुरू से अंत तक 2से3 तीन बार पड़े। जो प्वाइंट हाई लाइट लिए है। उन्हें नोट कर के नोट्स बना सकते है। चलिए शुरू करते है।
History of mandi himachal

मंडी  का इतिहास History of mandi

इतिहास - मण्डी (mandi history) जिला सुकेत और मण्डी रियासतों से मिलकर बना है । सुकेत रियासत की स्थापना पहले हुई है । सुकेत रियासत की स्थापना 765 ई . में वीरसेन ने की । मण्डी रियासत की स्थापना सुकेत राजवंश के बाहूसेन ने 1000 ई . में की ।


मण्डी रियासत की स्थापना कब और किसने की थी?

 1 . मण्डी रियासत की स्थापना - मण्डी रियासत की स्थापना सुकेत रियासत के राजा साहूसेन के छोटे भाई बाहूसेन ने 1000 ई . में की । बाहुसेन और साहूसेन के बीच अच्छे सम्बंध नहीं थे जिस कारण बाहूसेन ने सुकेत रियासत को छोड़कर मंगलोर में मण्डी रियासत की नींव रखी । बाहूसेन ने हाट ( कुल्लू) में राजधानी स्थापित की ।

मंडी में  सेन वंश (mandi ke raja)

2 . बाणसेन - बाहूसेन की 11वीं पीढ़ी के राजा करंचन सेन 1278 ई . के आसपास मंगलोर युद्ध में कुल्लू के राजा द्वारा मारे गए । करंचन सेन की गर्भवती पत्नी ने अपने पिता के अधिकार क्षेत्र वाले सिओकोट मण्डी में बान ( ओक ) के वृक्ष के नीचे एक पुत्र को जन्म दिया। जिसका नाम बाणसेन रखा गया । क्योंकि वह बानवक्ष के नीचे पैदा हआ था । बाणसेन के नाना की कोई संतान - नहीं थी , इसलिए बाणसेन सिओकोट का मुखिया बना । बाणसेन ने 13वीं - 14वीं सदी में मण्डी के भियूली में अपनी राजधानी बनाई । बाणसेन ने पराशर झील के पास पराशर मंदिर का निर्माण करवाया । मण्डी में मण्डी रियासत की स्थापना का श्रेय बाणसेन को जाता है जिसने अपनी राजधानी को मंगलोर से भियूली में स्थानांतरित किया । बाणसेन ने 1278 ई . से 1340 ई . के मध्य शासन किया । बाणसेन के पुत्र कल्याणसेन ने मण्डी शहर के पास बटाहुली में राजधानी को स्थानांतरित किया ।

3 . अजबर सेन - बाहूसेन की 19वीं पीढ़ी के अजबर सेन 1527 ई . में मण्डी के राजा बने । अजबर सेन ने 1527 ई . में मण्डी शहर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया । अजबर सेन ने मण्डी शहर में भूतनाथ मंदिर का निर्माण करवाया । अजवर सेन की रानी सुलताना देवी ने मण्डी का त्रिलोकीनाथ मंदिर बनवाया । अजबर सेन की 1534 ई . में मृत्यु हो हुए।

4. साहिब सेन ( 1554 - 75 ई . ) - साहिब सेन अकबर का समकालीन मण्डी का राजा था जिसने गुमा ओर न्द्रनग की नमक खानों को अपने नियंत्रण में ले लिया ।

 5 . सूरजसेन - सूरजसेन से पूर्व केशवसेन के समय मण्डी मुगलों के नियंत्रण में आ गई थी । सूरजसेन ने 1625 ई . में कमलाहगढ़ किला बनवाया । सूरजसेन ने मण्डी में दमदमा महल का निर्माण करवाया । कुल्लू के राजा मानसिंह ने सुरजसेन को पराजित किया था । सूरजसेन ने 18 पुत्रों की मृत्यु के बाद माधोराय की चांदी की प्रतिमा की 16 मार्च , 1648 ई . में स्थापना करवाई । मण्डी शिवरातरी मेले में रथयात्रा का आरंभ इसी तिथि से माना जाता है क्योंकि इस दिन सर्वप्रथम मण्डी शिवरात्रि में माधोराय के रथ की शोभा यात्रा निकाली गई थी ।

6 . श्याम सेन ( 1658 ई . ) - सूरजसेन के भाई श्याम सेन ने 1658 ई . में मण्डी की गद्दी संभाली । श्यामसेन ने मण्डी में काली मंदिर का निर्माण करवाया ।

7 . सिद्धसेन ( 1678 - 1727 ई . ) - मण्डी के राजाओं में सिद्धसेन एक योग्य एवं कुशल योद्धा माना जाता है । उसने मियां जिप्पु को वजीर नियुक्त किया जो एक कुशल प्रशासक और चतुर राजनीतिज्ञ था । सिद्धसेन के शासनकाल में गुरू गोविंद सिंह मण्डी आए थे । सिद्धसेन ने भंगाल के राजा पृथ्वीपाल की हत्या दमदमा महल के भीतर करवा दी । सिद्धसेन ने 1695 ई . में सरखपुर किला बनवाया था । सिद्धसेन ने सिद्ध गणेश , त्रिलोकनाथ पंचवक्त्र और सिद्ध जालपा मंदिरों का निर्माण करवाया ।

8 . ईश्वरी सेन ( 1779 - 1826 ई . ) - ईश्वरी सेन को संसारचंद ने 12 वर्ष तक नादौन में कैद रखा जिन्हें 1805 ई . में गोरखौं  ने आजाद करवाया । मण्डी रियासत 1809 ई . में सिक्खों के अधीन आ गई । विलियम मूरक्रॉफ्ट ने ईश्वरी सेन के समय 1820 ई . में मण्डी की यात्रा की । ईश्वरी सेन के बाद जालिमसेन 1823 ई . में मण्डी का राजा बना ।

9 . बलवीर सेन ( 1839 ई . ) - बलबीर सेन ( ईश्वरी सेन का पुत्र ) 1839 ई . में मण्डी का राजा बना । महाराजा रणजीत के पोते नौनिहाल सिंह ने 1840 ई . में जनरल वन्चूरा ( फ्रांसीसी ) के नेतृत्व में मण्डी रियासत पर आक्रमण कर मण्डी शहर ओर कमलाहगढ़ दुर्ग पर कब्जा कर लिया । 1840 ई . में बलवीर सेन को कैद कर अमृतसर के गोविंदगढ़ किले में रखा गया । मंडी रियासत 9 मार्च , 1846 ई . को ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में आ गई । बलबीर सेन की मृत्यु 1851 ई . में हुई ।

10 . विजे सेन ( 1851 - 1902 ई . ) - वजीर गसौण मियां भाग सिंह के देखरेख में बिजे सेन मण्डी के राजा बने । मि . क्लाक को बिजे सेन की शिक्षा का कार्यभार सौंपा गया । लार्ड मायो 1871 ई . में मण्डी आए । बिजे सेन ने 1872 ई . में पालमपुर दरबार में भाग लिया । सर हेनरी डेविस ने 1874 ई . में मण्डी की यात्रा की । राजा बिजेसेन ने 1877 ई . में दिल्ली दरबार में भाग लिया । और व्यास तट पर विक्टोरिया सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण वानबाया । उहल नदी पर 1881 ई . में सन पुल का निर्माण करवाया । चार्ल्स एचिन्सन ने 1883 ई . में मण्डी की यात्रा की । बिजे सेन के समय मियां उत्तम सिंह वजीर थे । उसके बाद मियां उद्यान सिंह वजीर बने । मण्डी - कुल्लू सड़क का निर्माण 1881 ई . में किया गया । 1901 ई . में पादाजीवानंद को जोधपुर से बुलाकर वजीर नियुक्त किया गया । उन्हें रायबहादुर की उपाधि प्रदान की गई । बिजेसेन की 1902 ई . में मृत्यु हो गई । लार्ड एल्गिन ने 1899 ई . में मण्डी की यात्रा की । लाला लाजपत राय 1906 ई . में मण्डी आए

 11 . भवानी सेन ( 1903 ई . ) - भवानी सेन ने 1906 ई . में दरबार हाल बनवाया । राजा भवानी सेन ने 1911 ई . में दिल्ली दरबार में भाग लिया । मण्डी से पंजाब सरकार का नियंत्रण 1 नवम्बर , 1921 ई . को हटाकर ब्रिटिश - भारत सरकार के अधीन ला दिया गया ।
 12 . जोगेन्द्र सेन ( 1948 ई . ) - जोगेन्द्र सेन ( 1925 - 1948 ई . ) मण्डी रियासत के अंतिम शासक थे ।

* history of shimla in hindi click here

सुकेत रियासत की स्थापना कब और किसने की थी?

 ( सुकेत रियासत - कनिंघम के अनुसार सेन वंश बंगाल से आया था
सुकेत रियासत की स्थापना - सुकेत रियासत की स्थापना 765 ई . में वीरसेन ने की थी ।
Himachal suket

2. सुकेत रियासत के राजा कोन थे?mandi  suket riyast ke raja

 1 . वीरसेन - बीरसेन ने सर्वप्रथम कुन्नू धार को अपना आवास बनाया । वीरसेन ने सुकेत रियासत की पहली राजधानी सुरही इलाके के पंगाणा में स्थापित की । वीरसेन ने चम्बा के मूसानवर्मन को अपने राज्य की राजधानी पंगाणा में आश्रय देकर अपनी पुत्री का विवाह उससे करवाया । वीरसेन ने पंगाणा जागीर को दहेज में मूसानवमेन को दिया । वीरसेन ने कुल्लू के राजा भूपपाल को कैद कर कुल्लू रियासत को अपनी जागीर बनाया । वीरसेन ने कांगड़ा के साथ सीमा रेखा निर्धारित कर सीरखट पर वीरार्ग का निर्माण करवाया । हाटली के राणा को हराने के उपलक्ष्य में वीरसेन ने बीरकोट दुर्ग का निर्माण करवाया ।

3 . लक्ष्मणसेन - लक्ष्मणसेन ने कुल्लू पर आक्रमण कर बजीरी रूपी, बजीरी लगसारी ओर बजीरी परोल के कुछ हिसों पर कब्जा कर लिया।

 4 . साहूसेन ( 1000 ई . ) - सहुसेन के भाई बहुसेन ने मंगलोर कुल्लू में मंडी रियासत  की स्थापना की।
मदनसेन ने पंगाणा के उत्तर में मदनकोट दुर्ग का निर्माण करवाया । मदनसेन ने गुम्मा और द्रग के राणो को हराकर नमक की खानों पर कब्जा कर लिया । मदनसेन ने कुल्लू पर पुनः कब्जा कर मनाली से बजौरा तक का इलाका राणा भोसल को दिया । मदनसेन बटवाड़ा के राणा मागल को हराया जिससे राणा मांगल को सतलुज पार भाग कर मागल रियासत स्थापना करनी पड़ी । मदनसेन के शासन में सुकेत रियासत अपनी समृद्धि के चरम पर पहुँच गया था । मदनसेन ने 1240 ई . में पंगाणा से राजधानी बदलकर लोहारा ( बल्हघाटी ) में स्थापित की ।

6 करतार सेन ने 1520 ई . -में अपनी राजधानी लोहरा से करतारपुर स्थानांतरित की । करतारपुर  को वर्तमान में पुरानानगर कहा जाता है । करतारसेन के बाद अर्जुन सेन राजा बना जो कुल्लू के राजा जगत सिंह का समकालीन था ।

7 - श्यामसेन- को नूरपुर के राजा जगत सिंह की शिकायत पर मुगल सम्राट औरंगजेब ने दिल्ली बुला  कर केद  किया । श्यामसेन ने माहूनाग से उसकी मुक्ति की प्रार्थना की जिसके बाद जगत सिंह के विद्रोह के कारण श्यामसेन  जेल से शीघ्र मुक्ति हो गया श्याम सेन ने 400 रुपये वार्षिक कर पर माहूनाग मंदिर को जागीर दान में दे दी । श्यामसेन के बाद रामसेन ने माधोपुर में रामगढ़ दुर्ग बनवाया ।

8 . गरूणसेन ( 1721 - 1748 ई . ) - गरुण सेन ने सुन्दरनगर
( बनेड प्राचीन नाम ) शहर की स्थापना की जिसे विक्रमसेन ने राजधानी बनाया । गरुण सेन की रानी ने सूरजकुण्ड मंदिर का निर्माण करवाया ।

 9 . विक्रम सेन ( 1748 - 1767 ई . ) -विक्रमसेन के समय 1752 ई . में अहमद शाह दुर्रानी ने सुकेत रियासत पर कब्जा किया । 1758 ई . में अदीना बेग ने सुकेत रियासत पर कब्जा किया । सुकेत रियासत पर विक्रमसेन के समय में सर्वप्रथम सिख शासन 1758 ई . में जस्सा सिंह रामगढ़िया ने स्थापित किया । _ _

10 . रणजीत सेन ( 1767 - 1791 ई . ) - रणजीत सेन के समय जह सिंह कन्हैया ( 1775 - 1786 ई . तक ) ने सुकेत रियासत को अपने अधीन रखा ।

11 . विक्रमसेन द्वितीय ( 1791 - 1838 ई . ) - विक्रम सेन के वजीर नरपत के साथ संबंध अच्छे नहीं थे । इसलिए विक्रमसेन 1786 ई . से 1792 ई . तक महलमोरियों में रहे । अपनी पिता की मृत्यु के बाद विक्रमसेन ने सर्वप्रथम नरपत वजीर को ' बंटवारा । किले में कैद कर मरवा दिया । विक्रमसेन ने बनेड ( सुंदर नगर ) को अपनी नई राजधानी बनाया । सुकेत रियासत 1809 ई . में विक्रमसेन के समय में महाराजा रणजीत सिंह के अधीन आ गई । विलियम मूरक्रॉफ्ट ने 1820 ई . में सुकेत रियासत की यात्रा की ।

 12 . उग्रसेन ( 1838 - 76 ई . ) - उग्रसेन के समय 1839 ई . में विग्ने ने सकेत की यात्रा की । रणजीत सिंह के पोते नौनिहाल  सिंह ने 1840 ई . में जनरल वन्चूरा के नेतृत्व में सुकेत रियासत पर कब्जा कर लिया । उग्रसेन ने 1846 ई . में सिखों को राज्य से । निकालकर ब्रिटिश सत्ता की अधीनता स्वीकार कर ली । 1846 ई . में सुकेत रियासत अंग्रेजों के अधीन आ गई । उग्रसेन के वजीर नरोत्तम ने दुर्गा मंदिर का निर्माण करवाया । वह नरसिंह मंदिर का भी वजीर था । उग्रसेन ने अमला विमला में शिवमंदिर का निर्माण किया । 1876 ई . में उग्रसेन की मृत्यु हुई ।

13 . दुष्ट निकंदन सेन ( 1879 - 1908 ई . ) - दुष्टनिकंदन सेन के समय 1893 ई . में भोजपुर में स्कूल , बनेड़ में पोस्ट  1900 ई . में और टेलीग्रॉफ 1906 ई . में खोला गया । सतलुज नदी के ऊपर 1889 ई . में ज्युरी में पुल का निर्माण किया गया ।

14 . भीमसेन ( 1908 - 1919 ई . ) - भीमसेन ने बनेड़ में किंग एडवर्ड अस्पताल खोला । उन्होंने मण्डी - सुकेत मोटर सडक का  निर्माण करवाया ।

15 . लक्ष्मणसेन ( 1919 - 1948 ई . ) - लक्ष्मण सेन सुकेत रियासत का अंतिम राजा था । प्रथम नवम्बर , 1921 ई . को सुकेत रियासत पंजाब सरकार से ब्रिटिश भारत सरकार के अधीन आ गई । फरवरी , 1948 ई . में पण्डित पद्मदेव के नेतृत्व में सुकेत सत्याग्रह हुआ जिसके बाद सुकेत रियासत का विलय भारत में हो  गया । मण्डी और सुकेत रियासत को मिलाकर 15 अप्रैल , 1948 ई . को मण्डी जिले का निर्माण किया गया ।


HP GK : mandi district question/answer

1.who was last king of mandi ?

ans. lakshman sen

2. founder of mandi riyast ?

ans. bhahu sen

3.Mandi town was established by ?

ans. ajber sen

4. how many tehsil in mandi ?

ans. 

Other important topics for Govt. exam 


दोस्तो अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो please Apne dosto ke sath bhi share kre।Gyan batne se badta है, छिपाने से नहीं।

मेहनत करते रहिए सफलता आपको जरूर मिलेगी।
इस पोस्ट पर कमेंट करना ना भूले।

Notes For All Exam 

Topic + MCQ + very important Points 
Indian Ancient history Notes For All exams 
           First 100 students : 10rs only,

     Ancient history
                   Buy Now

HP GK :मण्डी का इतिहास History of mandi

Himachal mandi

History of mandi himachal
हैलो दोस्तो, इस टॉपिक में मैने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का सम्पूर्ण इतिहास को कोवर किया है। मुझे उम्मीद है कि आपको जानकारी अच्छी लगेगी। और आप किसी सरकारी नौकरी की तयारी कर रहे हो तो हिस्ट्री में इस से बाहर प्रश्न नहीं जाएगा। आप टॉपिक को शुरू से अंत तक 2से3 तीन बार पड़े। जो प्वाइंट हाई लाइट लिए है। उन्हें नोट कर के नोट्स बना सकते है। चलिए शुरू करते है।
History of mandi himachal

मंडी  का इतिहास History of mandi

इतिहास - मण्डी (mandi history) जिला सुकेत और मण्डी रियासतों से मिलकर बना है । सुकेत रियासत की स्थापना पहले हुई है । सुकेत रियासत की स्थापना 765 ई . में वीरसेन ने की । मण्डी रियासत की स्थापना सुकेत राजवंश के बाहूसेन ने 1000 ई . में की ।


मण्डी रियासत की स्थापना कब और किसने की थी?

 1 . मण्डी रियासत की स्थापना - मण्डी रियासत की स्थापना सुकेत रियासत के राजा साहूसेन के छोटे भाई बाहूसेन ने 1000 ई . में की । बाहुसेन और साहूसेन के बीच अच्छे सम्बंध नहीं थे जिस कारण बाहूसेन ने सुकेत रियासत को छोड़कर मंगलोर में मण्डी रियासत की नींव रखी । बाहूसेन ने हाट ( कुल्लू) में राजधानी स्थापित की ।

मंडी में  सेन वंश (mandi ke raja)

2 . बाणसेन - बाहूसेन की 11वीं पीढ़ी के राजा करंचन सेन 1278 ई . के आसपास मंगलोर युद्ध में कुल्लू के राजा द्वारा मारे गए । करंचन सेन की गर्भवती पत्नी ने अपने पिता के अधिकार क्षेत्र वाले सिओकोट मण्डी में बान ( ओक ) के वृक्ष के नीचे एक पुत्र को जन्म दिया। जिसका नाम बाणसेन रखा गया । क्योंकि वह बानवक्ष के नीचे पैदा हआ था । बाणसेन के नाना की कोई संतान - नहीं थी , इसलिए बाणसेन सिओकोट का मुखिया बना । बाणसेन ने 13वीं - 14वीं सदी में मण्डी के भियूली में अपनी राजधानी बनाई । बाणसेन ने पराशर झील के पास पराशर मंदिर का निर्माण करवाया । मण्डी में मण्डी रियासत की स्थापना का श्रेय बाणसेन को जाता है जिसने अपनी राजधानी को मंगलोर से भियूली में स्थानांतरित किया । बाणसेन ने 1278 ई . से 1340 ई . के मध्य शासन किया । बाणसेन के पुत्र कल्याणसेन ने मण्डी शहर के पास बटाहुली में राजधानी को स्थानांतरित किया ।

3 . अजबर सेन - बाहूसेन की 19वीं पीढ़ी के अजबर सेन 1527 ई . में मण्डी के राजा बने । अजबर सेन ने 1527 ई . में मण्डी शहर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया । अजबर सेन ने मण्डी शहर में भूतनाथ मंदिर का निर्माण करवाया । अजवर सेन की रानी सुलताना देवी ने मण्डी का त्रिलोकीनाथ मंदिर बनवाया । अजबर सेन की 1534 ई . में मृत्यु हो हुए।

4. साहिब सेन ( 1554 - 75 ई . ) - साहिब सेन अकबर का समकालीन मण्डी का राजा था जिसने गुमा ओर न्द्रनग की नमक खानों को अपने नियंत्रण में ले लिया ।

 5 . सूरजसेन - सूरजसेन से पूर्व केशवसेन के समय मण्डी मुगलों के नियंत्रण में आ गई थी । सूरजसेन ने 1625 ई . में कमलाहगढ़ किला बनवाया । सूरजसेन ने मण्डी में दमदमा महल का निर्माण करवाया । कुल्लू के राजा मानसिंह ने सुरजसेन को पराजित किया था । सूरजसेन ने 18 पुत्रों की मृत्यु के बाद माधोराय की चांदी की प्रतिमा की 16 मार्च , 1648 ई . में स्थापना करवाई । मण्डी शिवरातरी मेले में रथयात्रा का आरंभ इसी तिथि से माना जाता है क्योंकि इस दिन सर्वप्रथम मण्डी शिवरात्रि में माधोराय के रथ की शोभा यात्रा निकाली गई थी ।

6 . श्याम सेन ( 1658 ई . ) - सूरजसेन के भाई श्याम सेन ने 1658 ई . में मण्डी की गद्दी संभाली । श्यामसेन ने मण्डी में काली मंदिर का निर्माण करवाया ।

7 . सिद्धसेन ( 1678 - 1727 ई . ) - मण्डी के राजाओं में सिद्धसेन एक योग्य एवं कुशल योद्धा माना जाता है । उसने मियां जिप्पु को वजीर नियुक्त किया जो एक कुशल प्रशासक और चतुर राजनीतिज्ञ था । सिद्धसेन के शासनकाल में गुरू गोविंद सिंह मण्डी आए थे । सिद्धसेन ने भंगाल के राजा पृथ्वीपाल की हत्या दमदमा महल के भीतर करवा दी । सिद्धसेन ने 1695 ई . में सरखपुर किला बनवाया था । सिद्धसेन ने सिद्ध गणेश , त्रिलोकनाथ पंचवक्त्र और सिद्ध जालपा मंदिरों का निर्माण करवाया ।

8 . ईश्वरी सेन ( 1779 - 1826 ई . ) - ईश्वरी सेन को संसारचंद ने 12 वर्ष तक नादौन में कैद रखा जिन्हें 1805 ई . में गोरखौं  ने आजाद करवाया । मण्डी रियासत 1809 ई . में सिक्खों के अधीन आ गई । विलियम मूरक्रॉफ्ट ने ईश्वरी सेन के समय 1820 ई . में मण्डी की यात्रा की । ईश्वरी सेन के बाद जालिमसेन 1823 ई . में मण्डी का राजा बना ।

9 . बलवीर सेन ( 1839 ई . ) - बलबीर सेन ( ईश्वरी सेन का पुत्र ) 1839 ई . में मण्डी का राजा बना । महाराजा रणजीत के पोते नौनिहाल सिंह ने 1840 ई . में जनरल वन्चूरा ( फ्रांसीसी ) के नेतृत्व में मण्डी रियासत पर आक्रमण कर मण्डी शहर ओर कमलाहगढ़ दुर्ग पर कब्जा कर लिया । 1840 ई . में बलवीर सेन को कैद कर अमृतसर के गोविंदगढ़ किले में रखा गया । मंडी रियासत 9 मार्च , 1846 ई . को ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में आ गई । बलबीर सेन की मृत्यु 1851 ई . में हुई ।

10 . विजे सेन ( 1851 - 1902 ई . ) - वजीर गसौण मियां भाग सिंह के देखरेख में बिजे सेन मण्डी के राजा बने । मि . क्लाक को बिजे सेन की शिक्षा का कार्यभार सौंपा गया । लार्ड मायो 1871 ई . में मण्डी आए । बिजे सेन ने 1872 ई . में पालमपुर दरबार में भाग लिया । सर हेनरी डेविस ने 1874 ई . में मण्डी की यात्रा की । राजा बिजेसेन ने 1877 ई . में दिल्ली दरबार में भाग लिया । और व्यास तट पर विक्टोरिया सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण वानबाया । उहल नदी पर 1881 ई . में सन पुल का निर्माण करवाया । चार्ल्स एचिन्सन ने 1883 ई . में मण्डी की यात्रा की । बिजे सेन के समय मियां उत्तम सिंह वजीर थे । उसके बाद मियां उद्यान सिंह वजीर बने । मण्डी - कुल्लू सड़क का निर्माण 1881 ई . में किया गया । 1901 ई . में पादाजीवानंद को जोधपुर से बुलाकर वजीर नियुक्त किया गया । उन्हें रायबहादुर की उपाधि प्रदान की गई । बिजेसेन की 1902 ई . में मृत्यु हो गई । लार्ड एल्गिन ने 1899 ई . में मण्डी की यात्रा की । लाला लाजपत राय 1906 ई . में मण्डी आए

 11 . भवानी सेन ( 1903 ई . ) - भवानी सेन ने 1906 ई . में दरबार हाल बनवाया । राजा भवानी सेन ने 1911 ई . में दिल्ली दरबार में भाग लिया । मण्डी से पंजाब सरकार का नियंत्रण 1 नवम्बर , 1921 ई . को हटाकर ब्रिटिश - भारत सरकार के अधीन ला दिया गया ।
 12 . जोगेन्द्र सेन ( 1948 ई . ) - जोगेन्द्र सेन ( 1925 - 1948 ई . ) मण्डी रियासत के अंतिम शासक थे ।

* history of shimla in hindi click here

सुकेत रियासत की स्थापना कब और किसने की थी?

 ( सुकेत रियासत - कनिंघम के अनुसार सेन वंश बंगाल से आया था
सुकेत रियासत की स्थापना - सुकेत रियासत की स्थापना 765 ई . में वीरसेन ने की थी ।
Himachal suket

2. सुकेत रियासत के राजा कोन थे?mandi  suket riyast ke raja

 1 . वीरसेन - बीरसेन ने सर्वप्रथम कुन्नू धार को अपना आवास बनाया । वीरसेन ने सुकेत रियासत की पहली राजधानी सुरही इलाके के पंगाणा में स्थापित की । वीरसेन ने चम्बा के मूसानवर्मन को अपने राज्य की राजधानी पंगाणा में आश्रय देकर अपनी पुत्री का विवाह उससे करवाया । वीरसेन ने पंगाणा जागीर को दहेज में मूसानवमेन को दिया । वीरसेन ने कुल्लू के राजा भूपपाल को कैद कर कुल्लू रियासत को अपनी जागीर बनाया । वीरसेन ने कांगड़ा के साथ सीमा रेखा निर्धारित कर सीरखट पर वीरार्ग का निर्माण करवाया । हाटली के राणा को हराने के उपलक्ष्य में वीरसेन ने बीरकोट दुर्ग का निर्माण करवाया ।

3 . लक्ष्मणसेन - लक्ष्मणसेन ने कुल्लू पर आक्रमण कर बजीरी रूपी, बजीरी लगसारी ओर बजीरी परोल के कुछ हिसों पर कब्जा कर लिया।

 4 . साहूसेन ( 1000 ई . ) - सहुसेन के भाई बहुसेन ने मंगलोर कुल्लू में मंडी रियासत  की स्थापना की।
मदनसेन ने पंगाणा के उत्तर में मदनकोट दुर्ग का निर्माण करवाया । मदनसेन ने गुम्मा और द्रग के राणो को हराकर नमक की खानों पर कब्जा कर लिया । मदनसेन ने कुल्लू पर पुनः कब्जा कर मनाली से बजौरा तक का इलाका राणा भोसल को दिया । मदनसेन बटवाड़ा के राणा मागल को हराया जिससे राणा मांगल को सतलुज पार भाग कर मागल रियासत स्थापना करनी पड़ी । मदनसेन के शासन में सुकेत रियासत अपनी समृद्धि के चरम पर पहुँच गया था । मदनसेन ने 1240 ई . में पंगाणा से राजधानी बदलकर लोहारा ( बल्हघाटी ) में स्थापित की ।

6 करतार सेन ने 1520 ई . -में अपनी राजधानी लोहरा से करतारपुर स्थानांतरित की । करतारपुर  को वर्तमान में पुरानानगर कहा जाता है । करतारसेन के बाद अर्जुन सेन राजा बना जो कुल्लू के राजा जगत सिंह का समकालीन था ।

7 - श्यामसेन- को नूरपुर के राजा जगत सिंह की शिकायत पर मुगल सम्राट औरंगजेब ने दिल्ली बुला  कर केद  किया । श्यामसेन ने माहूनाग से उसकी मुक्ति की प्रार्थना की जिसके बाद जगत सिंह के विद्रोह के कारण श्यामसेन  जेल से शीघ्र मुक्ति हो गया श्याम सेन ने 400 रुपये वार्षिक कर पर माहूनाग मंदिर को जागीर दान में दे दी । श्यामसेन के बाद रामसेन ने माधोपुर में रामगढ़ दुर्ग बनवाया ।

8 . गरूणसेन ( 1721 - 1748 ई . ) - गरुण सेन ने सुन्दरनगर
( बनेड प्राचीन नाम ) शहर की स्थापना की जिसे विक्रमसेन ने राजधानी बनाया । गरुण सेन की रानी ने सूरजकुण्ड मंदिर का निर्माण करवाया ।

 9 . विक्रम सेन ( 1748 - 1767 ई . ) -विक्रमसेन के समय 1752 ई . में अहमद शाह दुर्रानी ने सुकेत रियासत पर कब्जा किया । 1758 ई . में अदीना बेग ने सुकेत रियासत पर कब्जा किया । सुकेत रियासत पर विक्रमसेन के समय में सर्वप्रथम सिख शासन 1758 ई . में जस्सा सिंह रामगढ़िया ने स्थापित किया । _ _

10 . रणजीत सेन ( 1767 - 1791 ई . ) - रणजीत सेन के समय जह सिंह कन्हैया ( 1775 - 1786 ई . तक ) ने सुकेत रियासत को अपने अधीन रखा ।

11 . विक्रमसेन द्वितीय ( 1791 - 1838 ई . ) - विक्रम सेन के वजीर नरपत के साथ संबंध अच्छे नहीं थे । इसलिए विक्रमसेन 1786 ई . से 1792 ई . तक महलमोरियों में रहे । अपनी पिता की मृत्यु के बाद विक्रमसेन ने सर्वप्रथम नरपत वजीर को ' बंटवारा । किले में कैद कर मरवा दिया । विक्रमसेन ने बनेड ( सुंदर नगर ) को अपनी नई राजधानी बनाया । सुकेत रियासत 1809 ई . में विक्रमसेन के समय में महाराजा रणजीत सिंह के अधीन आ गई । विलियम मूरक्रॉफ्ट ने 1820 ई . में सुकेत रियासत की यात्रा की ।

 12 . उग्रसेन ( 1838 - 76 ई . ) - उग्रसेन के समय 1839 ई . में विग्ने ने सकेत की यात्रा की । रणजीत सिंह के पोते नौनिहाल  सिंह ने 1840 ई . में जनरल वन्चूरा के नेतृत्व में सुकेत रियासत पर कब्जा कर लिया । उग्रसेन ने 1846 ई . में सिखों को राज्य से । निकालकर ब्रिटिश सत्ता की अधीनता स्वीकार कर ली । 1846 ई . में सुकेत रियासत अंग्रेजों के अधीन आ गई । उग्रसेन के वजीर नरोत्तम ने दुर्गा मंदिर का निर्माण करवाया । वह नरसिंह मंदिर का भी वजीर था । उग्रसेन ने अमला विमला में शिवमंदिर का निर्माण किया । 1876 ई . में उग्रसेन की मृत्यु हुई ।

13 . दुष्ट निकंदन सेन ( 1879 - 1908 ई . ) - दुष्टनिकंदन सेन के समय 1893 ई . में भोजपुर में स्कूल , बनेड़ में पोस्ट  1900 ई . में और टेलीग्रॉफ 1906 ई . में खोला गया । सतलुज नदी के ऊपर 1889 ई . में ज्युरी में पुल का निर्माण किया गया ।

14 . भीमसेन ( 1908 - 1919 ई . ) - भीमसेन ने बनेड़ में किंग एडवर्ड अस्पताल खोला । उन्होंने मण्डी - सुकेत मोटर सडक का  निर्माण करवाया ।

15 . लक्ष्मणसेन ( 1919 - 1948 ई . ) - लक्ष्मण सेन सुकेत रियासत का अंतिम राजा था । प्रथम नवम्बर , 1921 ई . को सुकेत रियासत पंजाब सरकार से ब्रिटिश भारत सरकार के अधीन आ गई । फरवरी , 1948 ई . में पण्डित पद्मदेव के नेतृत्व में सुकेत सत्याग्रह हुआ जिसके बाद सुकेत रियासत का विलय भारत में हो  गया । मण्डी और सुकेत रियासत को मिलाकर 15 अप्रैल , 1948 ई . को मण्डी जिले का निर्माण किया गया ।


HP GK : mandi district question/answer

1.who was last king of mandi ?

ans. lakshman sen

2. founder of mandi riyast ?

ans. bhahu sen

3.Mandi town was established by ?

ans. ajber sen

4. how many tehsil in mandi ?

ans. 

Other important topics for Govt. exam 


दोस्तो अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो please Apne dosto ke sath bhi share kre।Gyan batne se badta है, छिपाने से नहीं।

मेहनत करते रहिए सफलता आपको जरूर मिलेगी।
इस पोस्ट पर कमेंट करना ना भूले।

Notes For All Exam 

Topic + MCQ + very important Points 
Indian Ancient history Notes For All exams 
           First 100 students : 10rs only,

     Ancient history
                   Buy Now

one student one laptop scheme in 2024