ऊना जिले कि रियासते और उनके राजा )कौन थे
1 . जस्वा रियासत - ऊना जिले का अधिकतर भाग जस्वा रियासत के अंतर्गत जाता था जो कि कॉगड़ा रियासत की प्रमुख शाखा थी । जस्वा रियासत की स्थापना कांगड़ा के कटोच बंश के राजा पूर्वचंद ने 1170 ई . में की थी । इसकी राजधानी अम्बु के पास राजपुर में स्थित थी । जस्वा रियासत काँगड़ा से टूटकर बनने वाली पहली रियासत थी । इस रियासत के उत्तर में सिब्बा और दत्तारपुर तथा पूर्व में कांगड़ा , कुटलेहर और कहलूर राज्य स्थित थे । इस रियासत पर पूर्ववंद से लेकर उम्मेद सिंह तक 27 राजाओं ने शासन किया ।
मुकाल में अकबर के समय जस्वा रियासत मुगलों के अधीन आ गई । उस समय जस्बां का राजा गोविंद चंद था । गोविंद चंद के पोते अनिरुद्धचंद ने दो बार मुगलों के विरुद्ध विद्रोह किया । संसारचंद के आक्रमण के समय जसवा संसारचंद के कब्जे में आ गया । संसारचंद के विरुद्ध उम्मेदचंद ने गोरखों का साथ दिया था । जस्वा रियासत पर 1815 ई . में सिखों ने कब्जा कर लिया । वर्ष 1848 ई . में दूसरे सिक्ख युद्ध में उम्मेद सिंह ने अंग्रेजों के विरुद सिक्खों का साथ दिया । उम्मेद सिंह और उसके पुत्र जय सिंह को गिरफ्तार कर अल्मोड़ा भेज दिया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई । 1879 ई . में उम्मेद सिंह के पोते रणसिंह ने अपने पुरखों की रियासत के 21 गाँवों पर कब्जा कर लिया था ।
3.कुटलेहर रियासत का इतिहास क्या है?
2 . कुटलेहर रियासत - कुटलेहर रियासत भी ऊना जिले का हिस्सा थी जो काँगड़ा रियासत से टूटकर बनी थी । कुटलेहर रियासत को पूर्व में चौकी कुटलेहर के नाम से जाना जाता था । कटलेहर कांगड़ा क्षेत्र की सबसे छोटी रियासत थी । इस रियासत पर 40 . राजाओं ने शासन किया । कुटलेहर रियासत की स्थापना जसपाल नामक ब्राह्मण ने की । उसने अपनी राजधानी कोट - कहलूर में स्थापित की । जसपाल के पुत्र और पोते ने भज्जी और कोटी रियासतों की स्थापना की थी ।कुटलेहर रियासत के उत्तरी प्रांत चौकी पर 1758 ई . में घमण्डचंद ने कब्जा कर लिया था । संसारचंद ने 1786 ई . में कटलेहर पर कब्जा किया जिसे बाद में गोरखाओं ने आजाद करवाया । वर्ष 1809 ई . में राज्य सिक्खों के अधीन आ गया । कुटलेहर के राजा नारायण पाल ने 1825 ई . में रणजीत सिंह से कोटवालवाह किले के लिए युद्ध किया । कुटलेहर रियासत का अंतिम राजा बृजमोहन पाल था । वेदी विक्रम सिंह ने 1848 ई . में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया । बेदी सुजान सिंह ने ऊना शहर को 1846 ई . में पुनः बेदी शासन के अधीन लाया ।
3 . स्वतंत्रता संग्राम - ऊना जिले में 19 मई , 1857 ई . को विद्रोह भड़का । ऊना जिले से सर्वप्रथम 1905 ई . में बाबा लछमन दास आर्य ने स्वाधीनता आंदोलन में प्रवेश किया । उन्हें 1908 ई . में गिरफ्तार कर लाहौर जेल भेजा गया । बाबा लक्ष्मण दास के पुत्र सत्य प्रकाश बागी , महाशय तीर्थ राम ओयल , गोपीचंद भार्गव ऊना जिले के स्वतंत्रता सेनानी थे ।
7.जिले की स्थापना कब हुई है?
4 . जिले की स्थापना - वर्तमान ऊना जिला 1966 ई . से पूर्व पंजाव के होशियारपुर जिले की तहसील थी । वर्ष 1966 ई . से 1972 ई . तक ऊना काँगड़ा जिले का भाग था । वर्ष 1972 ई . में ऊना को जिले का दर्जा प्रदान किया गया । ऊना शहर की नींव बाबा कलाधारी ने रखी थी( 1 ) मेले - ऊना जिले में चिंतपूर्णी मेला , बसौली में पीर निगाहा मेला , मैड़ी में बाबा बड़भाग सिंह मेला प्रसिद्ध है ।
( iv ) अर्थव्यवस्या - ऊना जिले के पेखूवेला में बीज संवर्द्धन फार्म है । ऊना जिला कागजी नींबू , किन्नू , माल्टा , संतरे और आम के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है । सरकार ने ' अजोली ' में एक पोल्ट्री फार्म खोला है । ऊना जिले के 3 स्थानों ( जलेरा , बंगाणा और पुबोवाल ) में दुग्ध अभिशीतन केन्द्र है । मेहतपुर ऊना जिले का औद्योगिक केन्द्र है । ऊना - नंगल रेल लाइन 1991 ई . में बनाई गई । यह ब्रॉड गेज रेल लाइन है ।
जननांकीय आँकड़े - ऊना जिले की जनसंख्या 1901 ई . में 1 , 65 , 000 से बढ़कर 1951 ई . में 1 . 96 , 829 हो गई । वर्ष 1971 ई . में ऊना जिले की जनसंख्या 2 , 61 , 357 से बढ़कर 2011 में 5 , 21 , 057 हो गई । ऊना जिले की जनसंख्या में 1911 से 1921 के बीच ( - 2 . 37 % ) गिरावट दर्ज की गई जबकि 1971 से 1981 के बीच ( 21 . 45 % ) सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई । ऊना जिले का लिंगानुपात 1911 ई . में 900 , 1951 में 936 , 1971 में 1003 , और 2011 में 977 था ।
ऊना जिले का लिंगानुपात 1981 में ( 1028 ) सर्वाधिक तथा 1911 में ( 900 ) न्यूनतम था । ऊना जिले का जनघनत्व 1971 ई . में 178 से बढ़कर 2011 में 338 हो गया है । ऊना जिले में 2001 में 22 . 44 % अनुसूचित जाति SC और 0 . 01 % अनुसूचित जनजाति ST की जनसंख्या निवास करती थी । ऊना जिले में 235 ग्राम पंचायतें , 758 आबाद गाँव , 5 विकासखण्ड और विधानसभा क्षेत्र है । ऊना जिले की 2011 में 91 . 38 % जनसंख्या ग्रामीण और 8 , 62 % जनसंख्या शहरी थी । दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 16 . 24 % रही जो कि 12 जिलों में सर्वाधिक है
अगर आपको टॉपिक अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे ।