हिमाचल में स्वन्त्रता आंदोलन कोन से थे?Freedom Movement in Himachal
1 . प्रशासनिक सुधार - मण्डी के राजा ने मण्डी में 1933 ई . में मण्डी विधानसभा परिषद् का गठन किया जिसने पंचायती राज अधिनियम पास किया । शिमला पहाड़ी रियासतों में मण्डी पहला राज्य था जिसने पंचायती राज अधिनियम लागू किया । बिलासपुर , बुशहर और सिरमौर राज्यों ने भी प्रशासनिक सुधार शुरू किये ।
2 . कांग्रेस का गठन - ए . ओ . ह्यूम में शिमला के रौथनी कैसल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का विचार रखा ।
3 . राष्ट्रीय नेताओं का आगमन कब हुआ- लाला लाजपत राय 1906 ई . में मण्डी आये । थियोसोफिकल सोसाइटी की नेता ऐनी बेसेन्ट 1916 ई . में शिमला आई । महात्मा गांधी , मौलाना मुहम्मद अली , शौकत अली , लाला लाजपत राय और मदन मोहन मालवीय ने पहली बार 1921 ई . में शिमला में प्रवास किया । मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना वायसरॉय लॉर्ड रीडिंग से मिलने शिमला आए । महात्मा गाँधी 1921 , 1931 , 1939 , 1945 और 1946 में शिमला आये । महात्मा गांधी 1945 में मनोरविला
( राजकुमारी अमृत कौर का निवास ) और 1946 में चैडविक समर हिल में रुके ।
4 . आंदोलनकारी - ऋषिकेश लट्ठ ने ऊना में 1915 ई . में क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत की । हमीरपुर के प्रसिद्ध साहित्यकार यशपाल 1918 ई . में स्वाधीनता संग्राम में कूदे । यशपाल को 1932 ई . में उम्र कैद की सजा हुई । वह हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के चीफ कमाण्डर थे । इण्डियन नेशनल आर्मी के मेजर मेहर दास को ' सरदार - ए - जंग ' , कैप्टन बक्शी प्रताप सिंह को ' तगमा - ए - शत्रुनाश ' और सरकाघाट के हरी सिंह को ' शेर - ए - हिंद ' की उपाधि दी गई । धर्मशाला के 2 गोरखा भाइयों दुर्गामल और दल बहादर थापा को दिल्ली में फाँसी दे दी गई । सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाते हुए 1930 में बाबा लछमन दास और सत्य प्रकाश “ बागी " को ऊना में गिरफ्तार कर लिया गया ।
5 . 1920 के दशक की घटनाएँ - 1920 में हिमाचल में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ । शिमला में कांग्रेस के प्रथम प्रतिनिधि मण्डल का 1921 ई . में गठन किया गया । देसी रियासत के शासकों ने " चेम्बर ऑफ प्रिन्सेज " ( नरेन्द्र मंडल ) का 1921 में गठन किया । दिसम्बर , 1921 में इंग्लैण्ड के यवराज " प्रिंस ऑफ वेल्स " के शिमला आगमन का विरोध हुआ लाला लाजपत राय को 1922 में लाहौर से लाकर धर्मशाला जेल में बंद किया गया । वायसराय लॉर्ड रीडिंग ने 1925 ई . में शिमला में “ सेन्ट्रल कौन्सिल चेम्बर " ( वर्तमान विधानसभा ) का उद्घाटन किया । शिमला और काँगड़ा में 1928 ई . में साइमन कमीशन का भारत आगमन पर विरोध किया गया ।
गाँधी - इरविन समझौता क्या था?
6 . गाँधी - इरविन समझौता - 1930 ई . में सविनय अवज्ञा आंदोलन शिमला , धर्मशाला , कुल्लू , ऊना आदि स्थानों पर शुरू हुआ । महात्मा गांधी , खान अब्दुल गफ्फार खान , मदन मोहन मालवीय और डॉ . अंसारी के साथ दूसरी बार शिमला आए और “ गाधा - इरावन । समझौता " हुआ । 5 मार्च , 1931 को गांधी - इरविन समझौता शिमला में हुआ ।
भारत छोड़ो आंदोलन क्या था?
7 . भारत छोड़ो आंदोलन - 9 अगस्त , 1942 ई . को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ । शिमला , काँगड़ा और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में ' भारत छोड़ो आंदोलन ' शुरू हुआ । शिमला से राजकुमारी अमृत कौर ' भारत छोड़ो आंदोलन ' का संचालन करती रहीं तथा गाँधीजी के जेल में बंद होने पर उनकी पत्रिका ' हरिजन ' का सम्पादन करती रहीं । इस आंदोलन के दौरान शिमला में भागमल सौंठा , पण्डित हरिराम , चौधरी दीवानचंद आदि नेता गिरफ्तार किये गए ।
वेवल सम्मेलन कब हुआ था?
8 . वेवल सम्मेलन - 14 मई , 1945 को पार्लियामेन्ट में “ वेवल योजना " की घोषणा की गई । वायसराय लार्ड वेवल ने भारत के सभी राजनीतिक दलों को 25 जून , 1945 को शिमला में बातचीत के लिए आमंत्रित किया । वेवल सम्मेलन में महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरु , राजेन्द्र प्रसाद , सरदार पटेल सहित 21 कांग्रेसी नेता , मुस्लिम लीग के मोहम्मद अली जिन्ना , लियाकत अली शाहबाज खाँ तथा अकाली दल के मास्टर तारा सिंह ने भाग लिया
9 . स्वाधीन कहलूर दल - बिलासपुर के राजा आनंद चंद ने स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने के लिए तथा बिलासपर प्रजामण एवं AISRC के खिलाफ ' स्वाधीन कहलूर दल ' की स्थापना की । आनंद चंद बिलासपुर को स्वतंत्र रखना चाहते थे । कई दौर की बातचीत के बाद बिलासपुर के राजा भारत में विलय के लिए राजी हुए ।
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