म्यूचुअल फंड क्या है, Mutual Fund kya hai

म्यूचुअल फंड क्या है, (Mutual Fund kya hai, what is mutual Fund?)

• जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक . . फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है । म्यूचुअल फंड में विभिन्न निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया जाता है और इस पैसे को शेयरों और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है । निवेशक को उसके पैसे के लिए यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं । अब N इन यूनिट के अनुपात में शेयर या बॉन्ड खरीदने - बेचने पर होने वाले मुनाफे को म्यूचुअल फंड हाउसेज फंड यूनिट धारकों में बाँट देते हैं । 

म्यूचुअल फंड धारकों को यह डिविडेंड या लाभांश फंड पर होने वाले सभी खर्च जैसे एएमसी ( एसेट मैनेजमेंट कंपनी ) शुल्क , एडमिन खर्च , एजेंट का कमीशन आदि निकाल कर दिया जाता है । किसी भी लिए यह जरूरी है कि वह अपना नाम भारतीय प्रतिभूति म्यूचुअल फंड के एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी ) में दर्ज कराए । 

Mutual Fund Types
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक निवेशक जिसे बाज़ार की अधिक जानकारी नहीं है , अपना निवेश विशेषज्ञों के हाथ में छोड़ देता है । कहाँ , कैसे और कब निवेश करना है यह विशेषज्ञ निर्धारित करते हैं । 

म्यूचुअल फंड कई तरीके से निवेश करते हैं । सबसे प्रमुख बॉन्ड तथा शेयर मार्केट्स हैं । इसके अलावा गोल्ड अथवा अन्य किसी माल ( Commodities ) में निवेश कर सकते हैं । फंड्स के कई प्रकार होते हैं 

• जिन्हें उनके निवेश के अनुसार जाना जाता हैं डेट , इक्विटी और बैलेंस्ड फंड । सबसे अधिक मुख्य विविधिता इक्विटी फंड्स में पायी जाती है । यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रूप में भारत का पहला म्यूचुअल फंड 1963 में आया ।
 उदारीकरण के दौर में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और संस्थाओं को म्यूचुअल फंड लाने की अनुमति दी । 1992 में सेबी ने एक विधेयक पास किया जिसके 

●क्षेत्र की तहत बाजार में निवेशकों के पैसे को सुरक्षा प्रदान किया जाए तथा सिक्योरिटी बाजार को नियंत्रित किया जाए । 1993 के बाद से निजी कंपनियों को म्यूचुअल फंड में प्रवेश करने की इजाजत दे दी गई । 

NAV क्या हैं ? 
 ● Net Asset Value या NAV का अर्थ है कुल संपत्ति का मूल्य । किसी भी म्यूचुअल फंड में एनएवी का मतलब नकदी सहित पोर्टफोलियो के सभी शेयरों के बाजार मूल्य के कुल योग में से देनदारियों को घटाने के बाद बकाया जो भी बचे उसे इकाइयों ( यूनिटों ) की कुल संख्या से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है । 

 ● एनएवी फंड की प्रति यूनिट की कुल परिसंपत्ति मूल्य ( खर्चे निकाल कर ) है और हर दिन के कारोबार के अंत में उस फंड की एसेट मैनेजमेंट कंपनी ( एएमसी ) द्वारा इसकी गणना की जाती है । किसी भी दिन यदि उस म्यूचुअल फंड को समाप्त कर दिया जाए तो उस म्यूचुअल फंड में यूनिट धारक को प्रत्येक यूनिट के बदले जो कीमत मिलेगी वही उस यूनिट का उस दिन का एनएवी होता है । एक तरह से कह सकते हैं कि एनएवी किसी भी फंड की यूनिट की बुक वैल्यू होती है ।

 ● म्यूचुअल फंड में अधिकतर यूनिट की बेस वैल्यू 10 रुपए या 100 रुपए होती है । प्रत्येक कारोबारी दिवस में फंड के पोर्टफोलियो के बाजार मूल्य के अनुसार ही यूनिट का एनएवी घटता - बढ़ता रहता है ।

 ● एनएवी किसी म्यूचुअल फंड के यूनिट की वृद्धि का परिचायक होता है । यदि आप किसी फंड में 12 रुपए प्रति यूनिट एनएवी पर निवेश करते हैं और एक साल बाद यदि उस यूनिट का एनएवी 15 रुपए प्रति यूनिट हो जाता है , तो उस फंड ने 25 % वृद्धि की है ।

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